अध्याय 1 प्रतिरूपण

होटल की लॉबी बेहद ठंडी थी, एयर कंडीशनर धीरे-धीरे गुनगुना रहा था।

"वो कौन नाच रही है? उसकी कमर देखो, मुझे उम्मीद है कि वो टूटेगी नहीं। और वो टाँगें, वाह, वो वाकई कुछ खास हैं," एक आदमी ने अपने फोन पर ध्यान से देखते हुए टिप्पणी की।

टेरेसा बेनेट ने आंखें घुमा दीं, जवाब देने के लिए तैयार थी, लेकिन स्क्रीन पर एक परिचित चांदी की चमक ने उसकी नजर खींच ली।

"रुको! उस पर ज़ूम करो!"

उसने आदमी की बांह को आश्चर्यजनक ताकत से पकड़ लिया।

"आराम से टेरेसा, तुम मेरी बांह तोड़ दोगी!" आदमी, उसका कॉलेज का दोस्त, कराहते हुए फोन खींचने की कोशिश कर रहा था।

"टिफ़नी की पायल।" टेरेसा की नज़रें उस पतली टखने पर जमी थीं जो नृत्य के साथ-साथ दिखाई और गायब हो रही थी। "मैंने वो पायल यूनिटी को उसके जन्मदिन पर दी थी। यह सीमित संस्करण है। मैं इसे कहीं भी पहचान सकती हूँ।"

स्क्रीन ज़ूम हुई, और नाजुक चांदी की चेन फोन की रोशनी में चमक उठी, बिल्कुल वैसी ही जैसे टेरेसा की यादों में थी।

टेरेसा की उंगलियाँ ठंडी हो गईं, लेकिन उसकी हथेलियाँ पसीने से तर हो गईं।

उसने और ध्यान से देखा। लड़की का चेहरा जानबूझकर छिपाया गया था, केवल एक नाजुक जबड़ा और संगीत के साथ झूलती पायल दिखाई दे रही थी।

पृष्ठभूमि स्पष्ट रूप से एक होटल के प्रेसिडेंशियल सुइट की थी।

टेरेसा को लगा जैसे उसका दिल किसी अदृश्य हाथ से दबाया जा रहा हो। उसने तुरंत यूनिटी लुईस का नंबर डायल किया।

लंबी, भयानक घंटी मौत की घंटी की तरह महसूस हो रही थी, हर घंटी उसके दिल को और डुबो रही थी।

"कोई जवाब नहीं।" टेरेसा का चेहरा पीला पड़ गया, उसके होंठों का रंग उड़ गया।

"घबराओ मत, यह सिर्फ एक संयोग हो सकता है, हाँ, एक संयोग!" आदमी ने उसे सांत्वना देने की कोशिश की, लेकिन उसकी आवाज कांप रही थी।

"संयोग? तुम्हें लगता है दुनिया में कितने संयोग होते हैं?"

टेरेसा अपनी सीट से उठ खड़ी हुई, कुर्सी जोर से फर्श पर खिसक गई। "यूनिटी कभी भी वो पायल नहीं उतारती, यहाँ तक कि जब वो सोती है तब भी नहीं!"

वह होटल के रिसेप्शन की ओर दौड़ी।

"माफ़ कीजिए, क्या आप मुझे प्रेसिडेंशियल सुइट का कमरा नंबर बता सकते हैं?" टेरेसा की आवाज कांप रही थी।

रिसेप्शनिस्ट ने पेशेवर मुस्कान के साथ जवाब दिया, "मुझे खेद है, लेकिन बिना आरक्षण के आप प्रेसिडेंशियल सुइट में नहीं जा सकतीं।"

"मेरी दोस्त वहाँ खतरे में हो सकती है!" टेरेसा की आवाज लगभग विनती कर रही थी। "कृपया, मुझे वहाँ ले चलिए!"

"मैडम, कृपया शांत हो जाइए।" रिसेप्शनिस्ट ने अपनी औपचारिक मुस्कान बनाए रखी।

"शांत हो जाऊँ? मेरी दोस्त गंभीर मुसीबत में हो सकती है, मैं कैसे शांत हो जाऊँ?" टेरेसा ने जोर से डेस्क पर हाथ मारा, उसकी हथेली तुरंत लाल हो गई। "अगर उसके साथ कुछ हुआ, तो क्या आपका होटल जिम्मेदारी लेगा?"

रिसेप्शनिस्ट चौंक गई, उसकी मुस्कान लड़खड़ा गई। उसने हिचकिचाते हुए, अपनी आँखें घबराहट से इधर-उधर घुमाईं।

टेरेसा ने उसे घूरा, उसकी आँखें हताशा से लाल थीं।

आखिरकार, दबाव में आकर, रिसेप्शनिस्ट ने फुसफुसाते हुए कमरे का नंबर बताया, "यह 9999 है।"

टेरेसा मुड़ी और दौड़ी, उसकी एड़ियाँ संगमरमर के फर्श पर तेजी से बज रही थीं, उसके बेचैन दिल की धड़कन की तरह गूंज रही थीं।

उसने कमरे को पाया और बिना किसी हिचकिचाहट के दरवाजे पर जोर-जोर से दस्तक देने लगी।

"यूनिटी! यूनिटी! क्या तुम अंदर हो?"

कोई जवाब नहीं मिला, केवल हल्का संगीत और कुछ अजीब आवाजें, जिसने टेरेसा को और भी बेचैन कर दिया।

आँसू उसके चेहरे पर बहने लगे जब उसने पूरी ताकत से दरवाजे पर दस्तक दी, उसके हाथ लाल और पोर सफेद हो गए।

अचानक, दरवाजा बिना चेतावनी के खुल गया।

टेरेसा यह देखने से पहले कि अंदर कौन है, उसे जोर से खींच लिया गया।

कमरा घुप अंधेरे में था, शराब और एक अनजाने इत्र की गंध इतनी तेज़ थी कि वह लगभग उल्टी करने लगी।

"तुम कौन हो?" टेरेसा ने आतंक में चिल्लाते हुए संघर्ष किया।

एक बड़ी हाथ ने उसके मुंह पर कसकर पकड़ लिया और उसे ठंडी दीवार पर पटक दिया, उसे हिला दिया।

"चिल्लाओ मत।" एक आदमी की गहरी, खुरदरी आवाज़ ने उसके कान में फुसफुसाया, उसकी गर्म सांस शराब की बदबू से भरी हुई थी।

टेरेसा ने एक तीव्र, तीखी गंध महसूस की, जो इत्र से अलग थी, और तुरंत समझ गई कि क्या हो रहा है।

उसने जोर से संघर्ष किया, पूरी ताकत से लात मारी और मुक्के मारे, लेकिन आदमी ने उसे कसकर पकड़ रखा था जैसे कि वह काटने वाले ब्लॉक पर मछली हो।

"मुझे जाने दो! मुझसे दूर हटो! मदद करो!" टेरेसा की आवाज़ कर्कश थी, निराशा से भरी हुई, लेकिन मुंह पर हाथ होने के कारण केवल घुटी हुई आवाजें निकल रही थीं।

आदमी ने उसके कपड़े बेरहमी से फाड़ दिए, उसका गर्म शरीर उसके खिलाफ दबा हुआ था।

"हिलो मत।"

जब आदमी ने उसमें प्रवेश किया, टेरेसा की आंखों में आंसू भर आए। उसने अपनी आखिरी ताकत का उपयोग करके उसके हाथ पर जोर से काटा।

आदमी ने चीखते हुए उसका मुंह छोड़ दिया। टेरेसा ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसने उसे उठाकर नरम बिस्तर पर फेंक दिया, जिससे वह चकरा गई।

वह जंगली जानवर की तरह उस पर झपट पड़ा, उसे दबा दिया।

टेरेसा की सांसें भारी हो गईं और उसकी दृष्टि धुंधली हो गई।

उसने बेतहाशा संघर्ष किया, लेकिन उसे हिला नहीं सकी, उसके नाखून लगभग टूटने लगे।

आदमी की हरकतें और हिंसक हो गईं, और टेरेसा की चेतना धुंधली होने लगी।

कमरे में केवल आदिम इच्छाएं बची थीं।

एक अनंत काल जैसा महसूस होने के बाद, टेरेसा ने धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलीं, कमरा अराजकता से भरा हुआ था।

हवा में एक भारी, संकेतात्मक गंध थी, जो याद दिला रही थी कि क्या हुआ था।

उसने उठने की कोशिश की, दर्द की लहरें उसके शरीर पर दौड़ रही थीं, हर हिस्सा जैसे एक ट्रक से कुचला गया हो।

वह कमरे से बाहर निकल गई, इस दुःस्वप्न से भागने के लिए बेताब।

हॉलवे के अंत में यूनिटी खड़ी थी, उसका चेहरा भावहीन था, वह टेरेसा को भागते हुए देख रही थी।

टेरेसा ने यूनिटी को नहीं देखा; वह बस भागना चाहती थी, इस दुःस्वप्न से दूर जाना चाहती थी।

जल्दबाजी में, उसने राष्ट्रपति सुइट का दरवाजा भी बंद नहीं किया।

यूनिटी ने टेरेसा को हॉलवे में गायब होते देखा, फिर धीरे-धीरे मुड़ी और सुइट की ओर चल पड़ी।

दरवाजा खुला हुआ था।

वह अंदर गई, कमरा अभी भी अंधेरा था, अप्रिय मिश्रित गंध और भी तेज हो गई थी।

बिस्तर बिखरा हुआ था, फटे हुए कपड़े फर्श पर बिखरे हुए थे, पूरी तरह से अव्यवस्था का दृश्य।

बिस्तर पर पड़े आदमी ने आवाज़ सुनकर करवट बदली, धीरे-धीरे उठते हुए, अभी भी पूरी तरह से जागा नहीं था।

उसने बिस्तर के पास की लैंप को जलाया, गर्म पीली रोशनी कमरे और उसके चेहरे को उजागर कर रही थी।

यूनिटी बिस्तर की ओर चली, उसके चेहरे को ध्यान से देखते हुए।

जैसे ही वह स्पष्ट हुआ, उसने तीखे भौंहें और पतले होंठ देखे।

वह विश्वास नहीं कर पा रही थी कि टेरेसा के साथ सोने वाला आदमी वही था!

"पिछली रात..." आदमी की आवाज़ कर्कश थी, "क्या तुम थी?"

"हाँ।" यूनिटी की आवाज़ धीमी थी, उसका सिर झुका हुआ था, जैसे वह खुद से बात कर रही हो, फिर भी उसके सवाल का जवाब दे रही थी।

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